Sunday, July 4, 2021

उच्च शिक्षा की परीक्षाओं के संबंध में दिशा-निर्देश जारी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई के अंतिम या अगस्त के प्रथम सप्ताह से हाेंगी



 जयपुर, 4 जुलाई। राज्य सरकार ने यूजीसी की गाइडलाइन, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा विभागीय समिति के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की सत्र 2020-21 की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।



उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्नातक तृतीय अथवा अन्तिम वर्ष तथा फाइनल या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई के अन्तिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह से ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी। इनके परिणाम 30 सितम्बर, 2021 तक जारी किये जाएंगे।

श्री भाटी ने बताया कि स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रोन्नत किया जायेगा। स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा तथा 10 जुलाई, 2021 से ऑनलाइन अध्यापन कार्य प्रारंभ किया जाएगा। कोविड परिस्थिति सामान्य होने पर द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सुविधानुसार ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर आयोजित कर 31 दिसम्बर, 2021 तक परिणाम जारी किए जाएंगे।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को अस्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रवेश देकर अध्यापन कार्य 10 जुलाई, 2021 से प्रारंभ किया जाएगा। हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं आयोजित कर 31 दिसम्बर, 2021 तक उनके परिणाम जारी किये जाएंगे। स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई के अन्तिम सप्ताह अथवा अगस्त के प्रथम सप्ताह से ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी, जिनके परिणाम 30 सितम्बर, 2021 तक जारी किये जाएंगे।

डेढ़ घंटे का होगा पेपर, एक विषय के पेपर एक साथ होंगे

म्ांत्री श्री भाटी ने बताया कि जिन कोर्सेज/संकाय/विषयों में विद्यार्थियों की संख्या कम है और विश्वविद्यालय के पास पर्याप्त संसाधन हैं, उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड पर करवाई जा सकती हैं। इसी प्रकार व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं सेमेस्टर पद्धति के पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड पर आयोजित करवाई जाएंंगी।उन्होंने बताया कि प्रश्न-पत्रों में यूनिट की बाध्यता हटाते हुए परीक्षा की अवधि 3 घंटे के स्थान पर प्रति प्रश्न-पत्र डेढ़ घण्टे की रखी जाएगी। इसके साथ प्रश्न-पत्रों में वर्णित प्रश्नों को अनुपातिक रूप से 50 प्रतिशत हल करने का विकल्प दिया जायेगा। जिन विषयों में दो अथवा तीन प्रश्न-पत्र होते है उनके समस्त प्रश्न-पत्र एक ही पारी में करवाये जायेेंगे। साथ ही, आवश्यकता एवं उपलब्ध संसाधनानुसार परीक्षा केन्द्र बढ़ाये जायेंगे।

संक्रमित विद्यार्थी को मिलेगा विशेष अवसर

उच्च शिक्षा मंत्री श्री भाटी ने बताया कि परीक्षा केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना गृह विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशानुसार सुनिश्चित की जाएगी। कोविड-19 से संक्रमित परीक्षार्थी, यदि परीक्षा में सम्मिलित नहीं होता है अथवा यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे परीक्षा देने का अलग से विशेष अवसर प्रदान किया जाएगा।उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा उनमें कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों का प्राथमिकता के साथ टीकाकरण करवाया जाएगा। 

7 comments:

  1. 2 Nd year ke liye kya natak lga rekha h

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  2. Bped UG 1st September wale bi ho gye Kya Pramod

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  3. सरकार के द्वारा द्वितीय वर्ष व प्रीवीयस ईयर के लिए जो फैसला लिया है वह सही नही है। अब विद्दार्थी पिछले वर्ष का ध्यान रहेगा। या अगले वर्ष की तैयारी करेगा।

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  4. Pg previous ko promote kro gyi bar kyu kiye the ya fir kisi ko promote nhi kro

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